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व्यक्तिगत विकास के लिए, शिक्षाप्रद Personality Development Story in Hindi

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका सक्सेस इन हिंदी के मंच पर… सबके सोचने का तरीका अलग-अलग होता है आज में यहाँ आदमी के नजरिये की बात करने जा रहा हूँ कैसे करे पर्सनालिटी डेवलपमेंट पढ़े स्टोरी हिंदी में Personality Development Story in Hindi पर्सनल डेवलपमेंट स्टोरी, व्यक्तिगत विकास की कहानी.

एक बार की बात है एक महात्मा अपने शिष्यों के साथ नदी में स्नान कर रहे थे तभी वहाँ से एक राहगीर गुजर रहा था वह महात्मा को नदी में नहाते देख रुक गया. संत से पूछने लगा महात्मन एक बात बताईये कि यंहा रहने वाले लोग कैसे है क्योंकि मैं अभी-अभी इस जगह पर आया हूँ और नया होने के कारण मुझे इस जगह को कोई विशेष जानकारी नहीं है.

इस पर महात्मा ने उस व्यक्ति से कहा भाई में तुम्हारे इस प्रश्न का जवाब बाद में दूंगा पहले आप मुझे ये बताओ कि आप जिस जगह से आये हो वंहा के लोग कैसे है. इस पर उस आदमी ने कहा उनके बारे में क्या कहूँ महाराज वंहा तो एक से एक कपटी और दुष्ट लोग रहते है इसलिए तो उन्हें छोड़कर यंहा बसेरा करने के लिए आया हूँ.

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महात्मा ने उत्तर दिया भाई यहाँ भी तुम्हे वेसे ही लोग मिलेंगे कपटी दुष्ट और बुरे इतना सुनकर वो आदमी आगे बढ़ गया. थोड़ी देर बाद एक राहगीर उसी रास्ते से आता है और महात्मा को प्रणाम करने के बाद पूछता है महात्मा जी मैं इस गाँव में नया हूँ और परदेश से आया हूँ और इस ग्राम में बसने की इच्छा रखता हूँ.

लेकिन मुझे यंहा जानकारी नहीं है इसलिए आप मुझे बता सकते है और यंहा रहने वाले लोग कैसे है. महात्मा ने फिर से वही प्रश्न किया और राहगीर से कहा कि मैं तुम्हारे सवाल का जवाब तो दूंगा लेकिन बाद में पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम पीछे से जिस देश से आये हो वंहा रहने वाले लोग कैसे है.

उस आदमी ने जबाब दिया जहाँ से में आया हूँ वंहा सुलझे हुए और नेक दिल इन्सान रहते है. वहाँ से आने का मेरा मन नहीं था लेकिन व्यापार के सिलसिले में आया हूँ इसलिए मैंने आपसे ये सवाल पूछा था महात्मा ने उसे कहा भाई तुम्हे यंहा भी नेकदिल और भले इन्सान मिलेंगे.

महात्मा के शिष्य ये सब देख रहे थे तो उन्होंने ने उस राहगीर के जाते ही पूछा गुरूजी ये क्या अपने दोनों राहगीरों को अलग-अलग उत्तर दिए हमे कुछ भी समझ नहीं आया. महात्मा ने बड़ी सरलता से उत्तर दिया आमतौर पर हम आपने आस पास की चीजों को जैसे देखते है.

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वैसे वो होती नहीं है इसलिए हम अपने अनुसार अपनी दृष्टि से चीजों को देखते है ठीक उसी तरह जैसे हम है अगर हम अच्छाई देखना चाहें तो हमे अच्छे लोग मिल जायेंगे और अगर हम बुराई देखना चाहें तो हमे बुरे लोग ही मिलेंगे. इस धरती पर सब लोगो का देखने और सोचने का अपना अपना नजरिया है जो आदमी के दृस्टि पर निर्भर करता है.

कैसी लगी आपको ये Personality Development कहानी हमे कमेंट करके जरूर बताये ताकि हमे पता लग सके की हमे और कहा improvement की जरुरत है Your Outlook Personality Development Story पर्सनल डेवलपमेंट स्टोरी. आपकी टिप्पणी के लिए आपको धन्यवाद रहेगा!

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